Wednesday, 3 June 2020

Anant kay lakshan

अनंतकाय के १२ लक्षण परिज्ञान

प्रश्न- अनत काय का क्या मतलब है ?
उत्तर- जिसमें एक छोटे से शरीर में अनंत जीव रहते हैं, प्रतिक्षण जन्मते मरते रहते हैं, वे अनंत काय के पदार्थ कहे जाते हैं ।

प्रश्न- छोटे शरीर से क्या आशय है ?
उत्तर- एक सूई की नोक पर आवे उतने अंश में असंख्य गोले (वृत) होते है, प्रत्येक गोले में असंख्य प्रतर होते हैं, प्रत्येक प्रतर में असंख्य शरीर होते हैं और उस छोटे से प्रत्येक शरीर में अनंत अनंत जीव होते हैं ।

प्रश्न - ये अनंतकाय क्या कंद मूल ही होते है ?   
उत्तर- कंदमूल तो अनंत काय होते ही है, इसके अतिरिक्त भी अनेक अनंतकाय होते है । 
यथा- १. जहाँ भी जिसमें भी, फूलण (काई) होती है, वह अनंतकाय है ।

२. जिस वनस्पति के पत्ते आदि किसी भी विभाग में दूध निकलने की अवस्था है जैसे- आकडे का पत्ता, कच्ची मुगफली (सिंग) आदि ।

३. जो कोई भी हरी तरकारी या वनस्पति का हिस्सा तोडने से एक साथ तट्ट ऐसी आवाज करते टूटे और सम कट जाय जैसे भींडी ककड़ी आदि।

४. जिस वनस्पति को गोलाकार चक्कु से काटने पर उसकी सतह पर रजकण सरीखे जलकण हो जाय ।

५. जिस वनस्पति की छाल भीतरी तने से जाडी हो वह तना अनतकाय ।

६. जिस पत्तों में नर्से न दीखें ।

७. जो कंद और मूल भूमि के अंदर पक कर निकलते हैं ।

८. सभी वनस्पति की कच्ची जड़े ।

९. सभी वनस्पति की कच्ची कौपल ।

१०. कोमल एवं नसे न दिखने वाली पंखुडियों वाले फूल ।

११. भीगाये हुए धान्यों में तत्काल निकले हुए  अंकुर।

१२. कच्चे कोमल फल यथा- इमली आदि, मंजरी आदि ।

इत्यादि लक्षण वनस्पति के किसी भी विभाग में दिखते हो वे सभी विभाग अनंत काय होते हैं । विशेष जानकारी एवं प्रमाण के लिये पुष्प ९
का वनस्पतिज्ञान सम्बन्धी परिशिष्ट देखना चाहिए अथवा पन्नवणा सूत्र का अध्ययन करना चाहिये ।

कंदमूल कुछ नाम इस प्रकार है- १ आलु २.रतालू ३.सूरणकंद ४.वज्रकद ५. हल्दी ६. अदरक 
७. कादा (प्याज) ८. लसण ९. गाजर १०.
मूला ११. अरबी १२. शकरकंद इत्यादि ।

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