जैन शासन मे नव स्मरण का महत्व
जैन शास्त्र में नव स्मरण का महात्मय सर्वाधिक बताया है, ज्ञानी गुरूभंगवतो ने इसे 'सुपर पावर टोनिक' का नाम भी दीया है । नवस्मरण का स्वाध्याय करने मात्र से मन में प्रसन्नता पैदा होती हैं । क्षुद्र उपद्रवो इत्यादि दूर हो जाते है । वातावरण अनुकूल बनता है , आपत्तियाँ दुर हो जाती हैं । समाधि समता मिलती है ... पूर्वाचार्यो ने नवस्मरण में बहुत ही सुंदर मंत्रो का समावेश किया है।
नवस्मरण सूत्र और रचियता
१ महामंत्र नवकार................ शश्वत
२ ऊवसग्गरं..............भद्रबाहु स्वामी
३ संतिकर............... मुनिसुंदर सूरी
४ तिजय पहुत.......... मानदेव सूरी
५ नमिऊण............... मानतुंग सूरी
६ अजित शान्ति........ नंदीषेण सूरी
७ भक्तामर............... मानतुंग सूरी
८ कल्याण मंदिर......सिध्द सेन दिवाकर सूरी
९ बृहत शांति............ शिवादेवी माता
जैन शासन के नवस्मरण सुत्र :-
१. श्री नवकारमंत्र
२. उवसग्गहरं स्तोत्र
३. श्री संतिकरम स्तोत्र
४. श्री तिजयपहुत्त स्तोत्र
५. श्री नमिउण स्तोत्र
६. अजिशांति स्तोत्र
७. भक्तामर स्तोत्र
८. कल्याण मंदिर स्तोत्र
९. बृहद शांति स्तोत्र
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